तीज त्यौहार 2025: जयपुर में कब और कैसे मनेगा हरियाली तीज का पर्व, जानें पूरी जानकारी
गुलाबी नगरी जयपुर, जो अपने राजसी ठाठ-बाट और जीवंत संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है, मानसून के आगमन के साथ ही एक नए रंग में सराबोर हो जाती है। यह रंग है हरियाली तीज का, जो शहर के सबसे महत्वपूर्ण और दर्शनीय त्यौहारों में से एक है। साल 2025 में भी इस पर्व को लेकर जयपुर में विशेष तैयारियां की जाएंगी। आइए जानते हैं जयपुर में हरियाली तीज 2025 की सही तारीख, शुभ मुहूर्त और यहाँ के अनूठे जश्न के बारे में पूरी जानकारी।
हरियाली तीज 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त (Hariyali Teej 2025 Date and Time)
हिंदू पंचांग के अनुसार, हरियाली तीज का पर्व हर साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन का प्रतीक है।
- साल 2025 में हरियाली तीज की तारीख: रविवार, 27 जुलाई 2025
- तृतीया तिथि का आरंभ: 26 जुलाई 2025, शनिवार को रात्रि 10:44 बजे से
- तृतीया तिथि का समापन: 27 जुलाई 2025, रविवार को रात्रि 10:44 बजे तक
चूंकि हिंदू धर्म में उदया तिथि को प्रधानता दी जाती है, इसलिए हरियाली तीज का व्रत, पूजन और उत्सव 27 जुलाई, रविवार को ही मनाया जाएगा।
जयपुर में तीज का शाही जश्न: एक अविस्मरणीय अनुभव
जयपुर में तीज का त्यौहार सिर्फ एक व्रत या पूजा तक सीमित नहीं है, यह एक ऐसा उत्सव है जिसमें पूरा शहर एक साथ झूम उठता है। इसकी सबसे बड़ी पहचान है "तीज माता की शाही सवारी"।
तीज माता की सवारी का मार्ग और समय:
यह विश्व प्रसिद्ध सवारी लगातार दो दिनों तक निकाली जाती है, जिसमें देश-विदेश से हज़ारों पर्यटक शामिल होते हैं। तीज माता (देवी पार्वती) की सुसज्जित मूर्ति को एक शाही पालकी में विराजमान कर सिटी पैलेस के जनानी ड्योढ़ी से यह सवारी शुरू होती है। शाही लवाजमे के साथ इसमें सजे-धजे हाथी, ऊंट, घोड़े, और लोक कलाकार शामिल होते हैं।
यह सवारी त्रिपोलिया बाजार, छोटी चौपड़, गणगौरी बाजार से होते हुए तालकटोरा झील पर संपन्न होती है। रास्ते में पारंपरिक राजस्थानी वेशभूषा में सजी महिलाएं और लोक कलाकार नृत्य और संगीत से समां बांध देते हैं।
तीज के प्रमुख आकर्षण और परंपराएं
- लहरिया और हरी चूड़ियां: तीज के मौके पर जयपुर के बाज़ारों में 'लहरिया' पैटर्न की साड़ियों और हरी चूड़ियों की धूम मच जाती है। विवाहित महिलाएं इन्हें पहनकर और सोलह श्रृंगार कर अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं।
- घेवर की मिठास: तीज का त्यौहार घेवर के बिना अधूरा है। यह एक विशेष मिठाई है जो मैदे और घी से बनाई जाती है। इस दौरान जयपुर की प्रसिद्ध मिठाई की दुकानें जैसे LMB (लक्ष्मी मिष्ठान भंडार), रावत मिष्ठान भंडार और जोहरी बाजार की अन्य दुकानों पर विभिन्न प्रकार के घेवर खरीदने वालों की भीड़ लगी रहती है।
- झूले और लोक गीत: सावन के महीने में झूले झूलने की परंपरा तीज के साथ जुड़ी हुई है। महिलाएं पेड़ों पर सजे हुए झूलों पर झूलती हैं और पारंपरिक तीज के गीत गाती हैं।
पूजा विधि और महत्व
हरियाली तीज का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं और अपने अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं। इस दिन सास अपनी बहू को और मायके से बेटी के लिए 'सिंजारा' भेजने की भी परंपरा है, जिसमें कपड़े, श्रृंगार का सामान और मिठाइयां होती हैं।
अगर आप राजस्थान की असली संस्कृति और त्यौहारों के शाही रंग देखना चाहते हैं, तो जुलाई 2025 में तीज के मौके पर जयपुर की यात्रा की योजना अवश्य बनाएं। यह अनुभव आपके लिए अविस्मरणीय रहेगा।
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